Following is a very good poem written by Dr. Harivanshrai "Bachchan" Srivastav. This poem tells you about the importance of standing for what one feels is right. Here are the lyrics in Hindi:
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़Here is a translation of few of the paragraphs (I understand that this translation may not be able to bring out the beauty of the poem, as the original lyrics; please let me know if there is a more appropriate translation):
कभी नही जो तज सकते हें, अपना न्यायोचित अधिकार
कभी नही जो सह सकते हें, शीश नवाकर अत्याचार
एक अकेले हों, या उनके साथ खड़ी हो भारी भीड़
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
निर्भय होकर घोषित करते, जो अपने उदगार विचार
जिनकी जिह्वा पर होता है, उनके अंतर का अंगार
नहीं जिन्हें, चुप कर सकती है, आत्ताइयों की शमशीर
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
नहीं झुका करते जो दुनिया से करने को समझोता
ऊँचे से ऊँचे सपनो को देते रहते जो न्योता
दूर देखती जिनकी पैनी आँख, भविष्यत का तम्चीर
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
जो अपने कन्धों से पर्वत से बढ़ टक्कर लेते है
पथ की बाधाओं को जिनके पाँव चुनौती देते हें
जीनो बाँध नही सकती है लोहे की बेढीं जंजीर
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
जो चलते है अपने छप्पर के ऊपर लुका धर कर
हर जीत का सौदा करते जो प्राणों की बाजी पर
कूद उद्दादी में नही पलट कर जो फिर ताका करते तीर
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
जिनको यह अवकाश नही है, देखे कब तारे अनुकूल
जिनको यह परवाह नहीं है कब तक भद्रा, कब दिक्शूल
जिनके हाथों की चाबुक से चलती हें उनकी तकदीर
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
तुम हो कौन, कहो जो मुझसे सही ग़लत पथ लो तो जान
सोच सोच कर, पूछ पूछ कर बोलो, कब चलता तूफ़ान
सत्पथ वह है, जिसपर अपनी छाती ताने जाते वीर
मैं हूँ उनके साथ, खड़ी जो सीधी रखते अपनी रीढ़
I am with them, who keep their back straightI will try to update the translation later.
Those who cannot forget, their rightful rights
Those who cannot tolerate the injustice, just by bowing their heads
Irrespective of whether, they are alone, or they have huge crowd with them
I am with them, those who keep their backs straight
No comments:
Post a Comment